राजस्थान / राष्ट्रीयकृत बैंकों के 2 लाख लघु व सीमांत किसानों काे 2634 करोड़ की कर्ज माफी

 प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार कर रही तैयारी 


पहले चरण में सहकारी बैंकों के 20 लाख किसानों के 7800 करोड़ माफ हो चुके


जयपुर. प्रदेश में निकाय चुनावों को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के 30 लाख ऋणी किसानों में से 2 लाख लघु-सीमांत किसानाें के कर्ज माफ करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए कर्जमाफी के नए मॉडल पर काम शुरू हाे गया है।  
नए माॅडल के तहत कर्जमाफी में शामिल 2 लाख किसानाें में 74,155 सीमांत अाैर 1.31 लाख लघु किसान हैं अाैर इन पर 2634 करोड़ रुपए का फसली ऋण बकाया है। ये ऋण एनपीए की श्रेणी में अा चुका है। कांग्रेस ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव में किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी का वादा किया था। इसी वादे के साथ सत्ता में आई गहलोत सरकार इससे पहले सहकारी बैंकाें के करीब 28 लाख किसानाें के कर्ज माफ कर चुकी है।


74 हजार सीमांत, 1.31 लाख लघु किसानों की कर्जमाफी के 3 माॅडल


अब राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋणी किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार तीन मॉडल तैयार किए हैं। ये तीनों मॉडल वन टाइम सेटलमेंट पर आधारित हैं। इसमें किसान पर बकाया कर्ज को सरकार और बैंक दोनों को वहन करना होगा।


40:60 का अनुपात


सरकार कुल बकाया कर्ज का 40% वहन करेगी और शेष 60 प्रतिशत राशि बैंकों काे वहन करनी होगी। इस मॉडल को लागू किया जाता है तो सरकार पर 2232.82 करोड़ व बैंकों पर 3349.24 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।  


50:50 का  अनुपात


इस मॉडल के तहत राज्य सरकार और बैंक किसानों पर बकाया राशि में से 50-50 प्रतिशत खुद वहन करेंगे। अगर इस मॉडल को लागू किया जाता है तो सरकार पर 2791.03 करोड़ व इतनी ही राशि बैंकों को लेनी होगी। 


60:40 का अनुपात 


इसमें सरकार कुल बकाया कर्ज का 60 प्रतिशत वहन करेगी और शेष 40 प्रतिशत राशि बैंको वहन करनी होगी। इस मॉडल को लागू किया जाता है तो सरकार पर 3349.24 करोड़ व बैंकों पर 2232.82 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।  


कर्ज


कुल फसली ऋण 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा



  • 20 लाख किसानों का 7800 करोड़ का ऋण माफ कर चुकी है सरकार। ये सहकारी बैंकों के थे।

  • 70 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है किसानों पर, राष्ट्रीयकृत व सहकारी बैंकाें का।

  • 50 लाख कर्जदार किसान, बैंकों के।